सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आये है भजन लिरिक्स ( Saja do ghar ko gulshan saa Mere sarkar aaye hai Lyrics) - by Raj Pareek - Bhaktlife24

Deepak Kumar Bind

 

( सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आये है भजन लिरिक्स )


सजा दो घर को गुलशन सा

मेरे सरकार आये है

लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी

मेरे सरकार आये है..


पखारो इनके चरणों को 

बहा कर प्रेम की गंगा

बिषा दो अपनी पलको 

को मेरे सरकार आये है

सरकार आ गए है


मेरे गरीब खाने में

आया दिल को सकून 

उनके करीब आने में

मुदत से प्यासी आखियो 


को मिला आज वो सागर

भटका था जिसको पाने 

की खातिर इस ज़माने में


उमड़ आई मेरी आंखे 

देख कर अपने बाबा को

हुई रोशन मेरी गलियां 

मेरे सरकार आये है

सजा दो घर को गुलशन सा


तुम आकर भी नहीं जाना 

मेरी इस सुनी दुनिया से

कहु हर दम यही सबसे 

मेरे सरकार आये है

|| सजा दो घर को गुलशन सा ||





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